उसने अंदर आते ही कहा.......मैं आज गाँव जा रहा हूँ, घरवाले बार बार बुला रहे हैं.........
ओ-हो....तो इसलिए जा रहे हो कि वो बुला रहे हैं......लड़की ने पूछा............
हाँ तो और क्या करूँ.......इस बेवजह की जिंदगी से थक गया हूँ........मुझे नहीं लगता मेरे लिया यहाँ कोई नौकरी है........खाली आश्वासनों और उम्मीदों से पेट नहीं भरता.....क्या रखा है यहाँ.......लड़के ने कहा.......
लड़की बोली.....ऐसा है तो मुझे भी कहीं भाग जाना चाहिए इस शहर से........मां के बाद मेरा भी यहाँ क्या रह गया है......कौन है मेरा.......थक तो मैं भी गयी हूँ.....फिर भी जाने क्या बदल जाने के इन्तजार में यहाँ बैठीं हूँ.....
अपनी आवाज की तल्खी खुद लड़की ने भी महसूस की.......देर तक दोनों के बीच अबोला पसरा रहा.........
वो चुपचाप अपने काम समेटती रही........
लड़का शांत सोफे पर बैठा अपनी सिगरेट के कश लेता रहा......पर जितना शांत वो दिख रहा था उसके भीतर उतने ही तेज़ तूफ़ान गुज़र रहे थे.......वो एकटक लड़की की ओर देख रहा था.........
लड़की को अपनी पीठ पर गड़ी उसकी नज़रें महसूस हो रही थी.....उसका दिल भी ज़ोरों से धड़क रहा था..........जैसे कि आज कुछ होने वाला है.......वो जान बूझ कर लड़के से आँख मिलाने से कतरा रही थी.......उसने लड़के को खाना लगा कर थाली दी.......लड़के ने एक गहरी नज़र लड़की पर डाली.......पल भर को दोनों की नज़रें मिली......लड़की के शरीर में सिहरन सी दौड़ गयी........वो झट से नज़रें फेर कर पलट गयी....
पीछे से लड़के की शांत गंभीर आवाज़ आई.......तुम मेरे लिए इतना क्यूँ करती हो ??
क्या !! लड़की ने चौंक कर पूछा....
लड़के ने फिर दोहराया....मैं क्या लगता हूँ तुम्हारा जो तुम मेरा इतना ख्याल रखती हो.......बोलो क्यूँ करती हो मेरे लिए इतना !!
यह कैसा सवाल है??.....लड़की ने सकपकाते हुए पूछा और मुड कर तेज़ी से रसोई में आ गयी.......देर तक बिना वजह बर्तनों को उलटती पलटती रही.........फिर पलटी तो ठिठक गयी.....लड़का ठीक उसके पीछे खड़ा था.......
लड़की हडबडा गयी....वक़्त पर न संभलती तो उससे टकरा ही जाती.....
मेरी बात का जवाब दो लड़के ने कहा........
लड़की अब भी चुप थी......
लड़के ने आहिस्ता से उसकी बाहों को पकड़ा और फिर से कहा......जवाब दो.......
लड़की ने धीरे से नज़र उठा कर उसकी ओर देखा.......अब तक वो संभल चुकी थी......
उसने शांत स्वर में पूछा..........क्या जानना चाहते हो और क्यूँ ?? जो भी है तुम भी जानते हो और मैं भी.........फिर ये सब क्यूँ पूछ रहे हो.........जो जैसा है उसको वैसा ही क्यूँ नहीं रहने देते.......दोनों की भलाई इसी में है कि न तुम आगे बढ़ो और न मैं पीछे हटूं........
लड़के के हाथों का दबाव बढ़ गया...........
उसने मुस्करा कर लड़की की तरफ देखा......
लड़की ने नज़रें झुका ली........
लड़के ने अपना बैग उठा लिया और बाहर आगया........
उसका दिल अब हल्का था.........अब उसके पास वापस आने की वजह थी......
उसने पलट कर देखा......दूर खिड़की पर एक छाया सी दिखी.........वो जानता था की उसकी भी आँखे भरी हुई हैं.....
लड़की के पास भी अब इंतज़ार करने की वजह थी.........
9 comments:
बधाई....आप के आलेख ने बिहारी की याद दिला दी....
कहत नटत रिझत खिजत, मिळत खिलात लजियात,
भरे भवन में करत हैं, नैनन हिं सो बात.....
बहुत ख़ूबसूरती से , बहुत कम शब्दों में गागर में सागर भरा है आपने.....बाकी पाठकों के कल्पना शक्ति पर....साधुवाद
वाह बहुत ही मार्मिक प्रस्तुति....
एक वजह काफ़ी है ज़िन्दगी के लिये , मुस्कुराने के लिये , पास आने के लिये
pahli bar aapke blog par aai..achchha lga ..ab aana hota rahega ...
ये ही वो इंतज़ार हैं जिसका पता नहीं होता की कब तक करना होगा..यही इंतज़ार है जिसके बारे में शायर कहते है की जो मज़ा है इंतज़ार में वो मिलन में कहाँ...पर यही दर्द भी कई बार देता है.... इंतज़ार के आदत न कहते हुए भी कभी नज़रों को तो कभी अंतर्मन को रहता है.....पर यह इंतज़ार किसका है पता नहीं चल रहा....किया ख़तम हुआ यह इंतज़ार ?
हिंदी ब्लॉग जगत को ,आपके ब्लॉग को और आपके पाठकों को आपकी नई पोस्ट की प्रतीक्षा है | आइये न लौट के फिर से कभी ,जब मन करे जब समय मिलते जितना मन करे जितना ही समय मिले | आपके पुराने साथी और नए नए दोस्त भी बड़े मन से बड़ी आस से इंतज़ार कर रहे हैं |
माना की फेसबुक ,व्हाट्सप की दुनिया बहुत तेज़ और बहुत बड़ी हो गयी है तो क्या घर के एक कमरे में जाना बंद तो नहीं कर देंगे न |
मुझे पता है आपने हमने बहुत बार ये कोशिस की है बार बार की है , तो जब बाक़ी सब कुछ नहीं छोड़ सकते तो फिर अपने इस अंतर्जालीय डायरी के पन्ने इतने सालों तक न पलटें ,ऐसा होता है क्या ,ऐसा होना चाहिए क्या |
पोस्ट लिख नहीं सकते तो पढ़िए न ,लम्बी न सही एक फोटो ही सही फोटो न सही एक टिप्पणी ही सही | अपने लिए ,अंतरजाल पर हिंदी के लिए ,हमारे लिए ब्लॉगिंग के लिए ,लौटिए लौटिए कृपया करके लौट आइये
यही आग्रह मैं सबसे कर रहा हूँ उनसे भी जो पांच छह साल और उससे भी अधिक से पोस्टें नहीं लिख रहे हैं कारण का पता नहीं मगर मैं आवाज़ देता रहूंगा और आपसे भी यही आग्रह करूंगा कि आप भी मेरे साथ उनके साथ हो लीजिये |
बहुत ही अछि कविताये दिल को छू गाई धन्यवाद आपका इन कविताओं के लिए| Top 5 Books motiavtinal books
बहुत ही अछि कविताये दिल को छू गाई धन्यवाद आपका इन कविताओं के लिए| Top 5 Books motiavtinal books
Nice post, I admire your post. Thanks for sharing. Love Tips In Hindi
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